आइए आपको बताते हैं कौन है द्रौपदी मुर्मू । इससे पहले हम राष्ट्रपति की शक्तियों के बारे में जान लेते है ।
राष्ट्रपति
भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है | संविधान के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है, और वह अपनी इस शक्ति का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिमण्डल के माध्यम से करता है | देश की जल, थल, वायु सेना का सर्वोच्च सेनापति राष्ट्रपति होता है, देश में आपातकाल की घोषणा का अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास होता हैं |
राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद का गठन करता है | राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता हैं, धन विधेयक, राज्य का निर्माण, नाम या सीमा बदलनें संबंधी विधेयक, भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित विधेयक राष्ट्रपति की सिफारिश के बगैर संसद में प्रस्तुत नहीं किए जा सकते | राष्ट्रपति वीटो के माध्यम से संसद से पारित किसी विधेयक को कुछ समय या सदैव के लिए अपनें पास रख सकता हैं,

द्रोपदी मुर्मू
द्रोपदी मुर्मू देश की 15वीं महामहिम राष्ट्रपति के तौर पर चुन ली गईै वह पहली राष्ट्रपति हैं जो आदिवासी समाज से आती है और देश की दुसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
पूरा नाम – द्रौपदी मुर्मू
जन्म तिथि – 20 Jun 1958
जन्म स्थान – बइदापोसी गाँव, मयूरभंज, ऑडिशा
पार्टी का नाम – भारतीय जनता पार्टी
शिक्षा – ग्रेजुएट
शिक्षा :- रमा देवी महिला विश्वविद्यालय भुुनेश्वर
व्यवसाय – शिक्षक, सामाजसेवी, राजनेता
पिता का नाम – बिरंचि नारायण टुडु
माता का नाम – अज्ञात
जीवनसाथी का नाम – स्व. श्याम चरण मुर्मू
जीवनसाथी का व्यवसाय – बैंक कर्मचारी
संतान – 2 पुत्र 1 पुत्री
स्थाई पता – बइदापोसी वार्ड नं -2, पत्रालय – राइरांगपुर, जिला – मयूरभंज, ओडिशा
द्रौपदी मुर्मू का परिवार:-
श्याम चरण मुर्मू के साथ द्रौपदी मुर्मू की शादी हुई थी, जिनसे इन्हे संतान के तौर पर 3 बच्चे प्राप्त हुए थे, जिनमें दो बेटे थे और एक बेटी थी। हालांकि इनका व्यक्तिगत जीवन ज्यादा सुखमय नहीं था, क्योंकि इनके पति और इनके दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं है। इनकी बेटी जिसका नाम इतिश्री है,जो बैंक में कार्यरत है जिसकी शादी द्रौपदी मुर्मू ने गणेश हेम्ब्रम के साथ की है।
द्रौपदी मुर्मू के पति अनुसूचित जनजाति (सांथाल) समाज मे आते थे वे बैंकर थे।
जनका जन्म 1 अप्रैल 1958 को पहाड़पुर गांव बदाम पहाड़ मयूरभंज उड़ीसा में हुआ था 1 अगस्त 2014 को कार्डियक अर्रेस्त् इसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
द्रौपदी मुर्मू और श्याम शरण मुर्मू का विवाह 1980 में हुआ था द्रौपदी मुर्मू के 2 पुत्र थे लक्ष्मण मुर्मू जिनकी मृत्यु 25 अक्टूबर 2010 में हुई दूसरे पुत्र से सिपुण मुर्मू थे जिनकी मृत्यु 2 जनवरी 2013 में हुई।
द्रोपदी मुर्मू टीचिंग कैरियर:-
द्रौपदी मुर्मू ने राज्य की राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में शुरुआत की मुर्मू ने अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट रायरंगपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में और उड़ीसा सरकार के सिंचाई विभाग में एक जूनियर सहायक के रूप में काम किया
द्रोपति मुर्मू का राजनीतिक कैरियर:-
2000 से 2004 तक ओडिशा सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में ट्रांसपोर्ट एवं वाणिज्य विभाग संभाला।
2002 से 2004 तक ओडिशा सरकार के राज्यमंत्री के रूप में पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग को संभाला।
2002 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रही।
2006 से 2009 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रही।
2013 से अप्रैल 2015 तक एसटी मोर्चा, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रही।
2015 से 2021 तक झारखंड की माननीय राज्यपाल रही।
द्रौपदी मुर्मू 1957 में भारतीय जनता पार्टी भाजपा में शामिल हुई और रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनि गयी 2000 में वह रायरंगपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष बनी और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया उड़ीसा में भाजपा और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने निम्नलिखित पदों पर कार्य किया
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने 18 मई 2015 को झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली और झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बने वह भारतीय राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली उड़ीसा की पहली महिला आदिवासी नेता थी
द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांकन किया, उनके नामांकन में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 25 जुलाई, 2022 को शुरू होगा, सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा जून 2022 को भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित की गई। द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांकन किया, उनके नामांकन में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने

21 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति के निर्वाचन का परिणाम घोषित हुआ जिसमें मुर्मू ने संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को हराया। भारत के 14 वें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के पश्चात 25 जुलाई 2022 को भारत के 15 वे राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू शपथ ग्रहण करेंगी। महामहिम राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मू प्रबुद्ध सोसाइटी नेचुआ जलालपुर गोपालगंज बिहार की प्रेरणा पुंज एवं हमारे देश के प्रबुद्ध सम्राट है!