Satellite in hindi
हेलो दोस्तों तो कैसे हैं आप लोग करता हूं कि आप सभी लोग ठीक होंगे तो इस आर्टिकल में हम आपसे एक बहुत ही रोचक जानकारी के साथ जोड़ने जा रहे हैं।
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि आज मनुष्य ने चांद से लेकर अंतरिक्ष तक में अपने कदम रख दिए हैं, चांद और अंतरिक्ष में अपने यान भेजता जा रहा है स्टेट में भारतीय विज्ञानको तथा विश्व के अन्य वैज्ञानिकों द्वारा भी कई प्रयास किया जा रहे हैं जैसा कि अभी भारत ने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया था जिसमें कि हमारा Satellite चांद के दक्षिण सतह पर पहुंचा था। अब आपके मन में निश्चित रूप से एक सवाल आ रहा होगा कि सेटेलाइट क्या होता है जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं की सेटेलाइट के माध्यम से ही किसी अंतरिक्ष मिशन को कामयाब किया जाता है।
हम अक्सर देखते रहते हैं कि किसी न किसी देश द्वारा कोई Satellite लॉन्च किया जाता है,जिन्हें विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसी जैसे नासा और इसरो के द्वारा छोड़ा जाता है,इस दौरान आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा की सेटेलाइट क्या है Satellite in hindi क्या होता है एवं उससे जुड़े कई प्रकार के सवाल आपके मन में जरूर जा रहे होंगे।
आज इन्हीं सवालों के जवाब देने के लिए हम आपसे जुड़ने जा रहे हैं हम सभी लोग जानते हैं कि वर्तमान युग में बढ़ती आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके किस प्रकार हम एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जा सकते हैं इन सभी ग्रहों पर जाने के लिए हमें जिन यंत्रों का प्रयोग करना पड़ता है उन्हें सैटेलाइट कहते हैं।
आपके सवालों का जवाब हम इस आर्टिकल मे आपको देने जा रहे हैं आपके बहुत सारे सवाल आपके मन में आ रहे हो जैसे की सेटेलाइट क्या होता है सेटेलाइट कैसे कार्य करता है Satellite in hindi में क्या होता है एवं उससे जुड़े कई प्रकार के सवाल आपके मन में जरूर आ रहे होंगे तो चिंता की कोई बात नहीं है।
हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस आर्टिकल में देने जा रहे हैं आप हमारे साथ अंत तक जरूर बन रहे और अपने सभी सवालों के जवाब इस आर्टिकल में पाए तो शुरू करते हैं हमारा आर्टिकल Satellite in hindi। सबसे पहले हम शुरुआत करेंगे सेटेलाइट क्या होता है इसके बाद हम अन्य जानकारी प्राप्त करेंगे।
सेटेलाइट क्या है? (Satellite in hindi)
सैटेलाइट को हिंदी में उपग्रह कहा जाता है,यह ब्रह्मांड में निर्मित ऐसे छोटे ग्रह होते हैं जो कि बड़े ग्रहों की परिक्रमा करते हैं, प्राकृतिक उपग्रह की बात करेंगे तो पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है,वहीं अगर कृतिम उपग्रह की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन उपग्रह है।
सैटेलाइट अंतरिक्ष में मौजूद वस्तु या यान को कहते हैं जो किसी ग्रह या तारों के चारों ओर परिक्रमा करता है, सैटेलाइट प्राकृतिक या मानव निर्मित भी हो सकते हैं जैसा कि चंद्रमा पृथ्वी का एक प्राकृतिक सेटेलाइट है क्योंकि वह पृथ्वी के चारों और परिक्रमण करता है ठीक उसी प्रकार पृथ्वी सूर्य का एक सैटेलाइट है क्योंकि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है या भ्रमण करती है तो पृथ्वी सूर्य का सेटेलाइट है।इसी प्रकार इंटरनेशनल स्पेस सैटेलाइट एक प्रकार का आर्टिफिशियल Satellite है जो कि पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
हमारे सौरमंडल में बहुत सारे प्राकृतिक सेटेलाइट है जो कि किसी न किसी ग्रह या तारे की परिक्रमा करते हैं,वहीं हजारों की संख्या में आर्टिफिशियल सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में मौजूद है जो भी पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं, प्रत्येक Satellite का अपना-अपना अलग-अलग कार्य होता है जैसे कि कुछ सैटेलाइट पृथ्वी की फोटो लेती है तो कुछ Satellite पृथ्वी के मौसम की जानकारी उपलब्ध कराती है,जबकि कुछ दूसरी सैटेलाइट सूर्य ग्रहण, ब्लैक होल, सूर्य की जानकारी, एवं दूर स्थित आकाशगंगाओं की फोटो लेते हैं। इन फोटो की मदद से विज्ञानको सौरमंडल और ब्रह्मांड को समझने में आसानी होती है।
वहीं अन्य Satellite का मुख्ता उपयोग कम्युनिकेशन या टीवी सिग्नल, फोन कॉल के लिए किया जाता है,वहीं 20 सैटलाइटों का एक सिस्टम जो कि जीपीएस को ट्रैक करता है जिससे हमें लोकेशन का पता चलता है।
Satellite in hindi
Satellite को हिंदी में उपग्रह कहा जाता है, जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि सभी ग्रहों के उपग्रह जरूर होते हैं, जैसे कि पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा है ठीक उसी प्रकार प्रत्येक ग्रह के अपने-अपने उपग्रह होते हैं।
Satellite मानव निर्मित एवं प्राकृतिक भी होते हैं जैसे कि पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है वहीं वर्तमान पृथ्वी का मानव निर्मित उपग्रह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन है।
सैटेलाइट कैसे काम करता है?
तो आपके मन में अब यह सवाल जरूर आ रहा होगा की सेटेलाइट कैसे काम करता है इसके काम करने की प्रक्रिया क्या होती है चिंता की कोई बात नहीं है हम आपको यह भी जानकारी देने वाले हैं। Satellite मूल रूप से एक स्व स्थापित संचार प्रणाली होती है, सेटेलाइट के पास पृथ्वी से सिग्नल प्राप्त करने तथा सिग्नल भेजने की क्षमता होती है,सैटेलाइट को राकेट द्वारा लांच किया जाता है,जैसे ही Satellite को लांच किया जाता है रॉकेट के अन्य भाग टूट कर नीचे गिर जाते हैं और सैटेलाइट अंतरिक्ष में चला जाता है।
सेटेलाइट के दोनों तरफ सोलर पैनल लगे रहते हैं जिससे की सेटेलाइट चार्ज होती रहती है, सेटेलाइट की बॉडी बीच में होती है जिसमें एक कंट्रोलर लगा होता है जिसे वैज्ञानिक उसे कंट्रोल करते हैं,Satellite संचार में मुख्ता तीन घटक होते हैं।
UPLINK :- यह UPLINK अर्थ स्टेशन या अन्य पृथ्वी के उपकरण तक Satellite को सिग्नल पहुंचाने का कार्य करती है।
Transpander :- सेटेलाइट में एक ट्रांसपोंडर लगा होता है जो सेटेलाइट से आने वाले सिग्नल को बढ़ाता है और आवृत्ति को बदलता रहता है।
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Downlink :- उपग्रह में उपस्थित ट्रांसपोंडर के सिग्नल को डाउन लिंक अर्थ स्टेशन पर रिटर्न करता है,ग्राउंड उपकरण सिग्नल प्राप्त करता है।
सेटेलाइट के प्रकार
सैन्य सैटेलाइट :- इस प्रकार की सेटेलाइट का मुख्ता प्रयोग देश की सुरक्षा के लिए जासूसी के लिए सर्वेक्षण के लिए ट्रैकिंग के लिए किया जाता है।
खगोलीय सैटेलाइट :– इन सैटलाइट का प्रयोग खगोल शास्त्र के लिए, आकाशीय पिंडों के लिए, ग्रहों की जानकारी के लिए किया जाता है।
मौसम सैटेलाइट :- मौसम सैटेलाइट का प्रयोग मौसम की जानकारी एकत्रित करने के लिए किया जाता है।
संचार सैटेलाइट :– संचार सैटेलाइट का प्रयोग सिग्नल एवं कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए किया जाता है।
नोबहन सैटेलाइट :- इस प्रकार की सेटेलाइट का मुख्ता प्रयोग किसी भी लोकेशन का पता करने के लिए किया जाता है जिसे हम जीपीएस ट्रैकर कहते हैं।
बायो सैटेलाइट :- बायो सैटेलाइट का प्रयोग अंतरिक्ष में जीवित पदार्थों के लिए जानकारी या प्रयोग के लिए किया जाता है।
छोटा उपग्रह :- इन उपग्रहों का भार बहुत ही काम होता है जैसे कि इनका भार 500 ग्राम तक हो सकता है।
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह :- इस प्रकार की सेटेलाइट का प्रयोग मौसम की जानकारी मानचित्र बनाने के लिए पृथ्वी के पर्यावरण और जलवायु की जानकारी के लिए किया जाता है
स्पेस सैटेलाइट :- इस प्रकार की सेटेलाइट को अंतरिक्ष में मानव की रहने के लिए बनाया जाता है।
सेटेलाइट के रोचक तथ्य
- एक सैटेलाइट 18000 किलोमीटर की रफ्तार से पृथ्वी के 14 चक्कर लगाता है।
- अमेरिका द्वारा सबसे पहले उपग्रह को 31 जनवरी 1958 को एक्सप्लोर 1 को लांच किया था।
- भारत का पहला सेटेलाइट आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को लांच हुआ था, इसका वजन 360 ग्राम था।
- पृथ्वी का सबसे बड़ा मानव निर्मित Satellite अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन है।
- 24 सेटेलाइट का ग्रुप मिलकर एक ग्लोबल पोजीशन सिस्टम जीपीएस को बनता है।
FAQ
सैटेलाइट का आविष्कार किसने किया था?
पहला मानव सैटेलाइट स्पूतनिक 1 सोवियत संघ के द्वारा 4 अक्टूबर 1957 को लॉन्च किया गया था जिसको डिजाइन सेर्गेई कोरोलेव द्वारा किया गया था।
भारत के स्पेस सेंटर में कितने सेटेलाइट है
भारत के स्पेस सेंटर में 58 सेटेलाइट है।
सेटेलाइट क्या है?
सैटेलाइट को हिंदी में उपग्रह कहा जाता है,यह ब्रह्मांड में निर्मित ऐसे छोटे ग्रह होते हैं जो कि बड़े ग्रहों की परिक्रमा करते हैं, प्राकृतिक उपग्रह की बात करेंगे तो पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है,वहीं अगर कृतिम उपग्रह की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन उपग्रह है।
Satellite in hindi
सैटेलाइट को हिंदी में उपग्रह कहा जाता है, जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि सभी ग्रहों के उपग्रह जरूर होते हैं, जैसे कि पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा है ठीक उसी प्रकार प्रत्येक ग्रह के अपने-अपने उपग्रह होते हैं।
सैटेलाइट मानव निर्मित एवं प्राकृतिक भी होते हैं जैसे कि पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है वहीं वर्तमान पृथ्वी का मानव निर्मित उपग्रह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन है।
सैटेलाइट का उपयोग कहां किया जाता है?
सैटेलाइट का उपयोग बहुत सारी जगह किया जाता है जैसा की मौसम विभाग की जानकारी के,पृथ्वी की जलवायु तथा पर्यावरण के लिए,लोकेशन पता करने के लिए,संचार के लिए जासूसी करने के लिए सैन्य व्यवस्था के लिएआदि के लिए सैटेलाइट का प्रयोग किया जाता है.
निष्कर्ष
हेलो दोस्तों तो आज के हम इस आर्टिकल में हमने यह जाना की सेटेलाइट क्या होता है, सैटलाइट क्या होता है (Satellite in hindi) सेटेलाइट कैसे कार्य करता है सेटेलाइट कितने प्रकार की होती हैं आदि सभी विषयों में संपूर्ण प्रकार की जानकारी प्राप्त की गई है।
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